what will happen after the sun dies, scientist discovery and then gives clues | सूरज के खात्मे के बाद सौर मंडल का क्या होगा, जानिए धरती पर कैसे होंगे हालात


नई दिल्ली: आकाशगंगा में जुपिटर (Jupitar) के आकार के एक ग्रह की खोज की है जिसे व्हाइट ड्वार्फ (White dwarf Star) कहा जा रहा है. वैज्ञानिकों की एक टीम के मुताबिक इसका मिलना ये संकेत देता है कि जब सूरज (Sun) का अस्तित्व खत्म हो जाएगा यानी जब उसकी मौत हो जाएगी तो हमारी धरती (Earth) का क्या होगा, क्या इंसान तब तक जिंदा रह पाएंगे. वैज्ञानिकों ने ऐसे कई सवालों का जवाब ढूढ़ने के साथ सूरज के न रहने पर होने वाली संभावनाओं को टटोला है.

सूरज के बुझ जाने पर क्या होगा?

वैज्ञानिकों के मुताबिक सूरज की उम्र करीब 460 करोड़ साल हो चुकी है. हमारे सौरमंडल और सूरज के अध्ययन के बाद यह खुलासा किया है अगले करोड़ों सालों में एक ऐसी प्रक्रिया की शुरुआत होगी. जिसके आखिर में सूरज एक रेड जायंट (Red Giant) से कमजोर होकर व्हाइट ड्वार्फ (White Dwarf) बनकर रह जाएगा. 

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‘मानव जीवन की कल्पना नहीं’

द गार्डियन में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक इस विषय को लेकर तस्मानिया यूनिवर्सिटी के जोशुआ ब्लैकमैन ने कहा ड्वार्फ स्टार के अध्यन से ये पता लगाया गया है कि आने वाले 500 करोड़ वर्षों में ऐसा होने की शुरुआत हो सकती है. सूरज का केंद्र सिकुड़ कर खत्म हो जाएगा या फिर बेहद छोटा हो जाएगा, जिससे सूरज गर्मी पैदा करने की क्षमता खो देगा. लेकिन इसकी बाहरी परतें ठंडी होकर टूटकर बिखर जाएंगी और यह मंगल ग्रह की कक्षा तक पहुंच जाएंगी.

इस प्रक्रिया में हमारी धरती भी सूरज की परतों से टकराकर बिखर जाएगी. लेकिन सूरज के कमजोर पड़ते ही धरती से जीवन खत्म होने लगेगा. मैग्नेटिक फील्ड खत्म होने लगेगी. गुरुत्वाकर्षण खत्म होने लगेगा. ऐसे में मानव जीवन की कल्पना ही नहीं की जा सकती है.

क्या खत्म हो जाएंगे ये ग्रह?

हालिया स्डटी के मुताबिक डॉक्टर ब्लैकमैन ने कहा, ‘आज से अरबों साल बाद सूरज का खात्मा हमारी धरती को सौरमंडल की सबसे खराब जगह में बदल देगा. इस दौरान सूरज का आकार इतना बढ़ जाएगा कि वह बुध, शुक्र और हमारी पृथ्वी तक को अपने अंदर समेट लेगा. धरती का अस्तित्व तो नहीं मिटेगा लेकिन ये रहने लायक भी नहीं होगी. हमारे समुद्र भाप बनकर अंतरिक्ष में उड़ जाएंगे. जमीन इतनी गर्म हो जाएगी कि इस पर रहना मुश्किल हो जाएगा.

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इस वजह से बच जाएंगे बृहस्पति और शनि

इनबर्न यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी के एक खगोलशास्त्री थेमिया नानायकारा, जो शोध में शामिल नहीं थे, ने कहा कि हालिया खोज से पता चलता है कि सूरज के बुझने यानी उसके खात्मे के बाद बृहस्पति और शनि जैसे बाहरी गैस विशाल ग्रह बच सकते हैं यानी उनके अस्तित्व में कोई फर्क नहीं पड़ेगा. दरअसल सूरज के रेड जाइंट बनने की प्रकिया के दौरान धरती पर खतरा मंडराने लगेगा.  

इस थ्योरी से निकाले गए नतीजे

वैज्ञानिकों का कहना है कि इस तरह के स्टडी मॉडल का इस्तेमाल साल 2018 में हुआ था. कंप्यूटर स्टडी के मुताबिक 90% तारों की मौत के मामले में यही होता है कि वो पहले रेड जायंट (Red Giant) होते हैं, जो बाद में खत्म होने पर व्हाइट ड्वार्फ बन जाते हैं. यानी यहीं पर उनकी मृत्यु हो जाती है. वैज्ञानिकों का कहना है कि जब भी कोई तारा मरता है तो वह अंतरिक्ष की एक बड़ी घटना होती है. इसी आधार पर सूरज के मरने पर क्या होगा इस सवाल का जवाब ढूंढ़ने की कोशिश की गई थी. 

 





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