टोक्यो: टोक्यो पैरालिंपिक्स गेम्स (Tokyo Paralympics) में रविवार विनोद कुमार ने भारत के लिए डिस्कस थ्रो के F52 कैटेगरी में ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया था. लेकिन अब उनसे उनका ब्रॉन्ज मेडल वापस ले लिया गया है क्योंकि उनको डिस्कस थ्रो की F52 कैटेगरी के लिए आयोग्य करार कर दिया गया है.
विनोद को लौटाना होगा मेडल
दरअसल भारत के डिस्कस थ्रोअर विनोद कुमार के ब्रॉन्ज मेडल को अब अमान्य घोषित कर दिया गया है. विनोद ने कल ही पुरुषों की डिस्कस थ्रो के F52 कैटेगरी में कांस्य पदक जीता था लेकिन कुछ देशों द्वारा विरोध जताने पर रिजल्ट को होल्ड पर रख दिया गया. लेकिन आज ये घोषणा की गई कि अब विनोद को अपना पदक वापस लौटाना होगा क्योंकि जिस कैटेगरी में उन्होंने पदक जीता है उसमें उन्हें अमान्य बता दिया गया है.
Tokyo Paralympics Technical Delegates decide Vinod Kumar is not eligible for Discus F52 class, his result in the competition is void and he loses the bronze medal pic.twitter.com/m5zzaaINZX
— ANI (@ANI) August 30, 2021
F52 कैटेगरी के सहभागी थे विनोद
बीएसएफ के 41 साल के जवान ने 19.91 मीटर दूर अपना चक्का फेंक (Discuss Throw) कर तीसरा स्थान हासिल किया. वह पोलैंड के पियोट्र कोसेविज (20.02 मीटर) और क्रोएशिया के वेलिमीर सैंडोर (19.98 मीटर) से पीछे रहे, जिन्होंने क्रमश: स्वर्ण और रजत पदक जीते हैं. विनोद ने F52 कैटेगरी में पैरालिंपिक में हिस्सा लिया था. इस कैटेगरी में उन एथलीट्स को शामिल किया जाता है, जिनकी मांसपेशियों में कमजोरी होती है. अंग की कमी, पैर की लंबाई असामान्य होती है. ऐसे खिलाड़ी व्हीलचेयर पर बैठकर कॉम्पिटिशन में हिस्सा लेते हैं. पहले भी 22 अगस्त को विनोद का टेस्ट हो चुका है, जिसमें वे पास हो गए थे.
एशियन रिकॉर्ड में भी दर्ज किया अपना नाम
विनोद ने 19.91 मीटर के डिस्कस थ्रो के साथ ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया. यह एक एशियन रिकॉर्ड भी है. उन्होंने अपने 6 अटैम्प्ट में 17.46 मीटर, 18.32 मीटर, 17.80 मीटर, 19.12 मीटर, 19.91 मीटर और 19.81 मीटर दूर चक्का फेंका.