नई दिल्ली: विराट कोहली की कप्तानी वाली टीम इंडिया में इस वक्त एक जगह को लेकर कई खिलाड़ियों के बीच होड़ लगी हुई है. यहां तक की बड़े-बड़े दिग्गजों की जगह भी फिलहाल इस टीम में पक्की नहीं कह सकते हैं. लेकिन टीम इंडिया में एक ऐसा खिलाड़ी भी है जिसको कप्तान कोहली ने लंबे समय से प्लेयिंग 11 में जगह नहीं दी है और अब उस खिलाड़ी का करियर लगभग खत्म होने की कगार पर खड़ा हुआ है.
इस खिलाड़ी को मौका नहीं दे रहे कोहली
टीम इंडिया के दिग्गज गेंदबाज उमेश यादव को लंबे समय से टीम इंडिया की ओर से खेलने का मौका नहीं मिल पाया है. दरअसल उमेश की जगह लेने के लिए इस वक्त टीम में कई बेहतरीन तेज गेंदबाज हैं. टीम इंडिया ने इस वक्त मोहम्मद शमी, जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद सिराज, इशांत शर्मा, शार्दुल ठाकुर जैसी बॉलिंग यूनिट को तैयार कर लिया है, जिसकी वजह से अब उमेश यादव को मौका मिलना मुमकिन नजर नहीं आता है. उमेश पहले ही वनडे और टी-20 टीम से बाहर चल रहे थे और अब उन्हें टेस्ट टीम में भी जगह मिलती सी नजर नहीं आ रही है.
इंग्लैंड दौरा साबित हो सकता है आखिरी
उमेश यादव की धीरे-धीरे वनडे और टी-20 टीम से पूरी तरह छुट्टी हो गई. अब उमेश यादव को भारतीय टेस्ट टीम में खेलने का मौका नहीं दिया जा रहा है. 48 टेस्ट खेल चुके 33 वर्षीय उमेश यादव के लिए ये इंग्लैंड का दौरा अंतिम साबित हो सकता है.
ऑस्ट्रेलियाई दौरे पर मिला था मौका
सीनियर तेज गेंदबाज उमेश यादव ने भारत के लिए अपना अंतिम टेस्ट मैच ऑस्ट्रेलिया दौरे पर खेला था. ऑस्ट्रेलिया दौरे पर एडिलेड टेस्ट में उन्होंने 3 और मेलबर्न टेस्ट में एक विकेट चटकाया था. उसके बाद चोटिल होने के चलते उनको बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी से बाहर होना पड़ा था. इंग्लैंड के खिलाफ घरेलू टेस्ट सीरीज में उमेश फिट ना होने के चलते टीम में जगह नहीं बना सके थे, जबकि न्यूजीलैंड के खिलाफ टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में उनको प्लेइंग इलेवन में खेलने का मौका नहीं मिला था.
ये गेंदबाज हैं विराट के फेवरेट
विराट कोहली इस वक्त उमेश यादव के स्थान पर युवा तेज गेंदबाजों पर ज्यादा भरोसा जता रहे हैं. इन गेंदबाजों में शार्दुल ठाकुर और मोहम्मद सिराज जैसे नाम शामिल हैं. विराट कोहली सिराज को तो अब हर एक टेस्ट में मौका देते हैं. इसके पीछे एक बड़ी वजह ये है कि अपने करियर की शुरुआत से ही सिराज एक विकेट झटकने वाले गेंदबाज रहे हैं. कोहली को उनके ऊपर जो भरोसा है वो हमेशा उसके ऊपर खरे उतरे हैं.