DNA Analysis: Taliban New Rules for School-College going Girls | Taliban ने स्कूल-कॉलेज जाने वाली लड़कियों के लिए बनाए ये 7 कड़े नियम, जारी किया आदेश


नई दिल्ली: तालिबान सरकार (Taliban Govt) में शिक्षा मंत्री अब्दुल बाकी हक्कानी (Abdul Baqi Haqqani) होंगे, जो एक अंतर्राष्ट्रीय आतंकवादी हैं और संयुक्त राष्ट्र ने उन्हें 2001 से ब्लैक लिस्ट किया हुआ है. सोचिए जब एक अंतर्राष्ट्रीय आतंकवादी शिक्षा मंत्री होगा तो अफगानिस्तान की शिक्षा की कैसी हालत होगी. तालिबान ने अफगानिस्तान में स्कूल और कॉलेज जाने वाली लड़कियों के लिए नए नियम बना दिए हैं. ये नियम ऐसे हैं, जिन्हें जानकर आज आपको बहुत बुरा लगेगा.

स्कूल कॉलेज के लिए पहला नियम

इनमें पहला नियम है. अब लड़कियों के लिए हिजाब और नकाब पहन कर स्कूल और कॉलेज जाना अनिवार्य है. इन नियमों का उल्लंघन करने पर शरिया कानून के तहत सजा दी जाएगी. पिछली सरकार में तालिबान ऐसा होने पर महिलाओं को चौराहे पर कोढ़े मारने की सजा देता था. इस बार भी ऐसी सजा मिल सकती है.

स्कूल कॉलेज के लिए दूसरा नियम

लड़के और लड़कियों को अलग अलग पढ़ाया जाएगा. अगर स्कूल में ज्यादा कमरे नहीं हैं तो ऐसी स्थिति में दोनों को साथ पढ़ाया जा सकता है, लेकिन इसके लिए लड़के और लड़कियों के बीच पर्दा करना होगा. इस पर्दे को तालिबान ने शरिया पार्टिशन (Sharia Partition) नाम दिया है. काबुल की कुछ यूनिवर्सिटीज की तस्वीरें आई हैं, जहां आप लड़के और लड़कियों को अलग-अलग पढ़ते देखा गया है.

ये भी पढ़ें- Afghanistan में अबकी बार Taliban की खूंखार सरकार, जानें कौन सा आतंकी क्या बना?

स्कूल कॉलेज के लिए तीसरा नियम

संयुक्त राष्ट्र की संस्था यूनिसेफ (UNICEF) के मुताबिक अफगानिस्तान में हर तीन में से दो टीचर्स पुरुष हैं. यानी वहां महिला टीचर्स की संख्या पहले से कम है. ग्रामीण इलाकों में तो हालात और भी खराब हैं. यूनिसेफ ही एक रिपोर्ट कहती है कि जो महिला टीचर्स वहां हैं भी, वो भी तालिबान के डर से अफगानिस्तान में नहीं रहना चाहतीं. अगर महिला टीचर्स नहीं मिलती तो ऐसी स्थिति में लड़कियों को ज्यादा उम्र के टीचर्स शिक्षा देंगे, जिनका चरित्र अच्छा होगा. यानी लड़कियों को पढ़ने के लिए चरित्रवान और ज्यादा उम्र के टीचर्स की तलाश की जाएगी.

स्कूल-कॉलेज के लिए चौथा नियम

स्कूल और कॉलेज में पढ़ाने वाली महिला टीचर्स को भी हिजाब और नकाब पहनना होगा.

स्कूल कॉलेज के लिए पांचवां नियम

लड़कियों को स्कूल और कॉलेज की बस में ही सफर करना होगा. इन बसों के शीशे काले होंगे और खिड़की पर पर्दे भी लगाए जाएंगे. इसके अलावा पुरुष ड्राइवर की सीट के पीछे और साइड में भी पर्दा लगाया जाएगा ताकि वो लड़कियों को ना देख पाए और लड़कियां उसे ना देख पाए.

स्कूल कॉलेज के लिए छठा नियम

अगर किसी स्कूल कॉलेज में लड़के लड़कियां साथ पढ़ते हैं तो लड़कियों की छुट्टी लड़कों से पांच मिनट पहले हो जाएगी. इन पांच मिनट में लड़कियों को उनकी क्लास से वेटिंग रूम में ले जाया जाएगा. यहां लड़कियां तब तक बैठी रहेंगी, जब तक सभी लड़के छुट्टी के बाद स्कूल से बाहर नहीं चले जाते. लड़कों के जाने के बाद ही लड़कियां अपनी बसों में जाकर बैठेंगी. ये नियम इसलिए है ताकि लड़के और लड़कियां के बीच कोई सम्पर्क ना हो.

स्कूल कॉलेज के लिए सातवां नियम

आखिरी नियम भी लड़के-लड़कियों के मिलने से जुड़ा है. इसमें तालिबान ने कहा है कि साथ पढ़ने वाले लड़के लड़कियां ना तो आपस में बात कर सकते हैं और ना ही एक दूसरे से आंखें मिला सकते हैं. अगर कोई लड़की ऐसा करती है तो उसे शरिया कानून के तहत सजा दी जाएगी.

2018 में 36 लाख लड़कियां जाती थीं स्कूल-कॉलेज

2001 में जब तालिबान अफगानिस्तान की सत्ता से बाहर हुआ था तो वहां बड़ी संख्या में लड़कियों ने स्कूल और कॉलेज जाना शुरू किया था. वर्ष 2018 में अफगानिस्तान में स्कूल और कॉलेज जाने वाली लड़कियां 36 लाख थीं, जबकि 2003 में केवल 6 प्रतिशत लड़कियां ही सेकेंडरी एजुकेशन में प्रवेश कर पाती थीं.





Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *