नई दिल्ली: भारत को इंग्लैंड के हाथों तीसरे टेस्ट मैच में पारी और 76 रनों से शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा. पांच मैचों की टेस्ट सीरीज में इंग्लैंड ने 1-1 से बराबर कर ली. तीसरे टेस्ट मैच में टीम इंडिया के बल्लेबाज इंग्लैंड के सामने दोनों ही पारियों में पस्त नजर आए. भारत के बल्लेबाज ताश के पत्तों की तरह बिखर गए. पहली पारी में तो टीम इंडिया 78 रनों पर ढेर हो गई थी. दूसरी पारी में भारतीय टीम ने 278 रन बनाकर कुछ इज्जत बचाई, लेकिन फिर भी शर्मनाक हार उसे ले डूबी.
इंजमाम ने टीम इंडिया पर किया कमेंट
पाकिस्तान के पूर्व कप्तान इंजमाम उल हक के टीम इंडिया पर किए गए कमेंट ने भारतीय फैंस का दिल जीत लिया. इंजमाम ने कहा, ‘अगर किसी बड़ी सीरीज में अनुभवी खिलाड़ी आगे आकर बेहतर प्रदर्शन नहीं करे, तो उनका परेशनी में पड़ना एकदम तय है. मैं भारत के प्रदर्शन पर ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेली गई सीरीज से नजर रख रहा हूं.’
भारत ने विदेशी धरती पर बहुत ही मुश्किल सीरीज जीती
इंजमाम ने अपने यू-ट्यूब चैनल पर कहा, ‘भारत ने अच्छी क्रिकेट खेली है और उसने विदेशी धरती पर बहुत ही मुश्किल हालात सीरीज जीती हैं, लेकिन इस जीत में टीम की जीत में बड़ा योगदान युवा खिलाड़ियों का रहा है. इंजमाम ने कहा कि सीनियर क्रिकेटर्स की तुलना में जूनियर खिलाड़ियों ने कहीं ज्यादा योगदान दिया है.’
कोहली और पुजारा को रन उगलने की जरूरत
पाकिस्तान के पूर्व कप्तान इंजमाम उल हक ने कहा, ‘इंग्लैंड के खिलाफ बाकी बचे दो टेस्ट मैचों में भारत के सीनियर बल्लेबाज जैसे कप्तान विराट कोहली, अजिंक्य रहाणे और चेतेश्वर पुजारा को ज्यादा जिम्मेदारी लेनी होगी और इन्हें शतक के बीच आ रहे गैप को भरना होगा.’
कोहली ने करीब दो साल से शतक नहीं बनाया
इंजमाम ने कहा, ‘अगर आप भारतीय बल्लेबाजों के हालिया प्रदर्शन को देखते हैं, तो पता चलता है कि कोहली ने करीब दो साल से शतक नहीं बनाया है. कुछ ऐसे ही हालात पुजारा और रहाणे के साथ हैं. हालिया समय में युवा खिलाड़ियों ने टीम विराट को मुश्किल हालात से बाहर निकाला है.’
ऋषभ पंत ने बहुत ज्यादा रन बनाए
इंजमाम ने कहा, ‘ऋषभ पंत ने बहुत ज्यादा रन बनाए हैं, जबकि रवींद्र जडेजा और आर. अश्विन ने भी बल्ले से योगदान दिया है. सीनियर क्रिकेटर्स की तुलना में जूनियर खिलाड़ियों ने कहीं ज्यादा योगदान दिया है.’ पुजारा ने तीसरे टेस्ट में 91 और विराट ने 55 रन बनाए, लेकिन यह सीरीज में दोनों की पहली हॉफ सेंचुरी रही. कोहली का सीरीज में औसत 24.80, पुजारा का 33.40 और रहाणे का औसत 19.00 का रहा है.